हर संध्या जब सूर्य अस्त होता है, तब गंगा तट पर गूँजती आरती की घंटियाँ एक अद्भुत शांति और आस्था का वातावरण निर्मित करती हैं। माँ गंगा, जो जीवन, शुद्धता और मोक्ष की प्रतीक हैं, उनकी आराधना से मन और आत्मा दोनों निर्मल हो जाते हैं।
गंगा आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और आत्मिक अनुभव का प्रतीक है। दीपों की लौ, मंत्रों की ध्वनि और जल पर पड़ती उनकी झिलमिल आभा हर भक्त के हृदय में एक अद्भुत ऊर्जा भर देती है।
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जय माँ गंगे! 🌊✨


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